नई दिल्ली, 20 अप्रैल 2025: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शनिवार को 2023 बैच के प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों के साथ संवाद करते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा में महिलाओं के ऐतिहासिक प्रतिनिधित्व की सराहना की। उन्होंने बताया कि मौजूदा बैच में कुल 180 अधिकारियों में से 74 महिलाएं हैं — जो कि लगभग 41% प्रतिनिधित्व है, और यह अब तक का सबसे अधिक है।
सहायक सचिव कार्यक्रम के तहत संवाद
यह बातचीत सहायक सचिव कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित की गई, जिसमें अधिकारी प्रशिक्षुओं को 1 अप्रैल से 30 मई, 2025 तक 46 केंद्रीय मंत्रालयों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसका उद्देश्य अधिकारियों को नीति निर्माण और केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली से अवगत कराना है।
डॉ. सिंह ने कहा:
> “यह बैच सबसे युवा, सबसे विविध और नए भारत की आकांक्षाओं का सबसे प्रामाणिक प्रतिनिधि है।”
महिला सशक्तिकरण को प्रधानमंत्री के विजन से जोड़ा
डॉ. सिंह ने इस ऐतिहासिक प्रतिनिधित्व का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महिला सशक्तिकरण की नीतियों को दिया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने महिलाओं को नेतृत्व के केंद्र में लाकर प्रशासन को अधिक समावेशी और उत्तरदायी बनाया है।
लोक सेवाओं में विविधता और तकनीकी क्षमता
डॉ. सिंह ने कहा कि बैच में:
99 अधिकारी इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से हैं
कई अधिकारी मेडिकल और तकनीकी क्षेत्रों से हैं
22-26 वर्ष की औसत आयु इस बैच को सबसे युवा बनाती है
उन्होंने टेक्नोक्रेट्स की बढ़ती भागीदारी की सराहना करते हुए कहा कि डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटी और टेक आधारित योजनाओं में इनकी भूमिका निर्णायक है।
डिजिटल शासन और मानवीय संवेदनशीलता का संतुलन
मंत्री ने CPGRAMS (शिकायत निवारण प्रणाली) की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि अब तक 98% शिकायतों का निपटारा, औसतन 13 दिनों के भीतर, हो चुका है।
उन्होंने “मानव डेस्क” की भी चर्चा की जो तकनीकी समाधान के साथ-साथ भावनात्मक संतुष्टि भी प्रदान करती है।
अंत्योदय की भावना के साथ सेवा का आह्वान
संवाद के अंत में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे निष्ठा, पारदर्शिता और अंतिम व्यक्ति तक सेवा की भावना के साथ कार्य करें।
उन्होंने कहा:
> “आपका काम केवल फाइलों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि करोड़ों लोगों की उम्मीदों का प्रतिबिंब होना चाहिए।”
