श्रीडूंगरगढ टुडे 10 जुलाई 2025
आज गुरू पूर्णिमा है। ‘इस शुभ अवसर पर हमें अपने समस्त गुरुजनों को हाथ जोड़कर, स्मरण करके नमन करना चाहिए। “गुरु वह मोमबत्ती है जो स्वयं जलकर दूसरों को रोशनी प्रदान करती है। वर्तमान युग में हमारे बच्चों को सच्चे और अच्छे गुरुजनों की महती आवश्यकता है। आज बच्चों की स्थिति अत्यन्त भयावह हो गई है इस कलयुग रूपी काल से हमें हमारे -बच्चों को बचाना है तो तो इसके लिए हमें सच्चे गुरु की आवश्यकता है। गुरु का स्थान हमारे जीवन में भगवान से भी ऊँचा है। गुरु शिष्य को जीवन में सच्ची राह दिखाता है ऊँचाइयों को हासिल करने का रास्ता बताता है। आज स्थिति ये हो गई है कि बच्चे मोबाइल के कारण दिन प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं, उनके नैतिक मूल्यों का विघटन होता जा रहा है, कोई अच्छी बात बताते हैं फिर भी बच्चों पर कोई असर नहीं हो रहा है, ऐसी स्थिति में हमें एक अच्छे शिक्षक की महती आवश्यकता है।.
गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु को समर्पित कुछ पंक्तियाँ –
गुरु शिष्य के जीने का आधार हो,
गुरु के शब्दों में एक जादू हो।
गुरु की वाणी में मिठास हो,
वह सभी बच्चों का खास हो।
गुरु का ज्ञान शिष्य के लिए लाभप्रद हो,
गुरु की बातें शिष्य के लिए शिक्षाप्रद हो।
गुरु शिष्य में ज्ञान का दीपक जला दे।
गुरु शिष्य के जीवन को बिलकुल सहज बना दे।।
