श्री डूंगरगढ़ टुडे 9 अगस्त 2025
स्नेह की डोरी, प्यार का धागा,
भाई-बहिन का प्यार है।जागा।
हर रेशे में ममता की छाया,
राखी में बसी है माँ की माया।
सावन की रिमझिम में भी बहना ने थाल सजाया है,
बड़े ही स्नेह के साथ भाई के माथे पर तिलक लगाया है।
कच्चे धागों में बंधी है शक्ति,
सदियों से चली आई ये रीति।
वचन है यह और रक्षा का संकल्प,
हर संकट में मैं तुझे दूंगा संबल।
ये पर्व नहीं सिर्फ रीति रिवाज,यह दिलों का प्यारा अंदाज, रक्षाबंधन है रिश्तों की पहचान जहाँ हर बहिन का भाई है जान।
भाई-बहिन का रिश्ता अनोखा है,
भाई कहते ही प्रेम व विश्वास का दिल में संचार होता है।
भाई के घर आने से बहिन का मान बढ़ता है,
भाई हर हाल में बहिन का साथ देता है।
वह भाई ही है जो अपनी बहिन को खुश रखता है।
बहिन भाई की कलाई पर राखी बांधती है,
फिर अपने भाई की बलइयाँ लेती है।
दोनों एक दूसरे के बिना अधूरे हैं,
दोनों मिलकर माता-पिता के सपने पूरे करते हैं।
आओ हम सब अपना व्रत निभाएं,
रिश्ते में प्रेम और विश्वास बढ़ाएँ।
हर हाल में रस्मों को निभाना है,
हम सबको मिलकर रक्षाबंधन मनाना है।।
