श्री डूंगरगढ़ टुडे 12 अगस्त 2025
आज क्षेत्र में कजरी तीज बड़े उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। सभी उम्र व वर्ग की महिलाओं ने सुबह से ही तीज माता व चौथ का व्रत रखा और शाम को सोलह श्रृंगार कर सामूहिक रूप तीज माता का पूजन कर विधि विदान से कहानी सुनी त्योहार के मौके पर महिलाएं रंग-बिरंगे परिधानों और पारंपरिक आभूषणों से सजी-धजी नजर आईं। सीमा भोजक ने बताया कि कजरी तीज भाद्रपद महीने में आती है। देवी पार्वती ने भगवान शिव से विवाह करने के लिए कई वर्षों तक कठोर तपस्या की थी, जिसके बाद शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इसी कारण यह दिन कजली तीज के रूप में मनाया जाता है।इस दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं। शाम को निमड़ी के सामने बैठकर कथा सुनी जाती है। फिर रात को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पूर्ण किया जाता है। इस दिन पति की लंबी आयु और स्वास्थ्य की विशेष प्रार्थना की जाती है, साथ ही अपने पीहर पक्ष की सलामती के लिए भी प्रार्थना की जाती है।











