श्री डूंगरगढ़ टूडे 13 अगस्त 2025
श्रीक्षत्रिय युवक संघ प्रांत श्रीडूंगरगढ़ द्वारा राष्ट्रनायक वीर दुर्गादास राठौड़ जयंती समारोह बड़े हर्षोल्लास और गरिमा के साथ मनाया गया। श्रीरघुकुल राजपूत छात्रावास परिसर में आयोजित इस समारोह की शुरुआत वीर दुर्गादास राठौड़ की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन और माल्यार्पण से हुई। संदीप सिंह पुन्दलसर ने गणेश वंदना प्रस्तुत की, जिसके बाद संघ प्रार्थना और भागीरथ सिंह सेरूणा द्वारा पूज्य तनसिंह जी रचित गीत “मेरे वीर दुर्गादास” का गायन हुआ।
महंत प्रतापपुरी महाराज का ओजस्वी संबोधन
तारातरा मठ के महंत एवं पोकरण विधायक प्रतापपुरी महाराज ने कहा “सौभाग्य से इंसान बनते हैं और परम सौभाग्य से क्षत्रिय। क्षात्र धर्म को सार्थक करना हमारा कर्तव्य है। न रुकें, न झुकें, न बिकें और न ही बंटें एक होकर जयघोष करें।” उन्होंने वैचारिक क्रांति, राष्ट्रभक्ति और सनातन धर्म की जय-जयकार के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।
मुख्य वक्ता लक्ष्मणसिंह बेण्याकाबास के विचार
संघ प्रमुख लक्ष्मणसिंह बेण्याकाबास ने कहा कि इतिहास वीर दुर्गादास को केवल शूरवीर या स्वामीभक्त नहीं, बल्कि सच्चे क्षत्रिय के रूप में याद करता है। क्षत्रिय बनना जाति या वर्ण से नहीं, बल्कि शौर्य, धैर्य, दान और ईश्वरीय भाव की साधना से संभव है। उन्होंने युवाओं से महापुरुषों से प्रेरणा लेकर जीवन को सार्थक करने की अपील की।
अन्य वक्ताओं के विचार
विश्वकर्मा कौशल बोर्ड अध्यक्ष व राज्यमंत्री रामगोपाल सुथार ने वीर दुर्गादास की भांति देश और समाज के प्रति निष्ठा रखने का संदेश दिया।
वरिष्ठ स्वयंसेवक जोरावर सिंह भादला ने मातृशक्ति की सक्रिय भागीदारी पर जोर देते हुए कहा कि “माता ही निर्माता है।”
समारोह का संचालन बीकानेर संभाग प्रमुख रेवंतसिंह जाखासर ने किया, स्वागत भाषण जिला प्रवक्ता सुरेंद्र महावर ने और आभार ज्ञापन विधानसभा प्रभारी रामेश्वरदास स्वामी ने दिया।
कार्यक्रम में रहे शामिल प्रमुख अतिथि
जुगलसिंह बेलासर, राजेंद्रसिंह आलसर, उम्मेदसिंह सुलताना, हड़वंतसिंह आशापुरा, विक्रमसिंह सत्तासर, यशवंतसिंह मिंगसरिया, जेठूसिंह पुन्दलसर, पालिकाध्यक्ष मानमल शर्मा, विनोद गिरी गुंसाई, छैलूसिंह शेखावत, एडवोकेट भरतसिंह राठौड़, छात्रावास अध्यक्ष कल्याण सिंह झंझेऊ,जगदीश स्वामी, विमल भाटी, तुलसीराम चौरड़िया, महावीर माली, श्यामसुंदर स्वामी, नत्थूनाथ मंडा, श्याम महर्षि, एडवोकेट सत्यनारायण प्रजापत, थानमल भाटी, सोहनलाल ओझा, शिव तावनियां, श्यामसुंदर पुरोहित, भरत सुथार, लोकेश गौड़, पृथ्वीसिंह राजपुरोहित, समुद्रसिंह धीरदेसर, रतनसिंह केऊ, एडवोकेट रणवीरसिंह सेरूणा, विक्रमसिंह शेखावत, भंवरसिंह झंझेऊ, भंवरसिंह जोधासर अगरसिंह कोटासर, सरपंच प्रतिनिधि शेर सिंह चौहान कोटासर, विक्रम सिंह बिग्गा, महेंद्र सिंह धर्मास,नारायण मोट, अरुण पारीक, भंवरलाल बाना सहित विभिन्न जाति-वर्ग के लोग उपस्थित रहे।





