श्रीडूंगरगढ़ टुडे 10 सितंबर 2025
जीवन का यथार्थ यही मिट्टी से बना शरीर है, मिट्टी का बना है मिट्टी में मिल जाएगा।
इस बात को जो स्वीकार कर लेता है, वह व्यक्ति कभी घमण्ड नहीं करता है।
मत कर गुरूर ऐ इंसान, इस जीवन का पता नहीं, आज हम है हो सकता है कल नहीं।
अपने व्यक्तित्व को ऐसा बना, कि तुम्हारी खामोशी किताब की तरह सब कह दे।
जीवन में ऐसे काम कर, जो तुम्हें जीने के लिए हसीन पल दे दे।
घमण्ड किसी का बरकरार नहीं रहता, हमेशा इंसान का समय एक जैसा नहीं रहता।
हमेशा अच्छे कर्मों पे ध्यान दे, समय रहते बुरे कर्मों को त्याग है।
आज यदि हमारे साथ कुछ बुरा हो रहा है,तो ये सब हमारे बुरे कर्मों का फल है।
ऐ इंसान तू मिट्टी का बना है, तुझे वापस मिट्टी में ही मिलना है।
तू अपने शब्दों से किसी को कष्ट मत दे, खुश नहीं रख सकता तो दुःख मत है।
ईश्वर का धन्यवाद कर कि तू मनुष्यु है, कुछ अच्छे काम कर क्योंकि तू मनुष्य है।
अभिमान मत कर वह चूर चूर हो जाएगा, तू मिट्टी का बना है मिट्टी में मिल जाएगा।
