श्रीडूंगरगढ़ टुडे 11 सितंबर 2025
श्रीडूंगरगढ़ हमेशा से ही धर्मनगरी रहा है। यहाँ के निवासी अपने कार्यो से सेवा के नित नए आदर्श स्थापित कर रहे है। सेवा की इसी भावना को आगे बढ़ाया है श्रीडूंगरगढ़ के रामदेवरा पैदल यात्री संघ ने। रुणेचा पैदल यात्रा कर बाबा रामदेव जी के दर्शन कर श्रीडूंगरगढ़ में वर्षों से परिपाटी चली आ रही थी कि यात्रा की सफलता पर प्रसाद का भोग लगाया जाता था लेकिन श्रीडूंगरगढ़ के द्वारकाधीश रुणिचा पैदल यात्री संघ वर्षों से चली आ रही परिपाटी को बदलते हुए इस वर्ष भी अबोल जीव-जंतु, गौमाता व पक्षियों की सेवा हेतु ₹41,000/- (इकतालीस हज़ार रुपये) का सहयोग आपणों गाँव श्रीडूंगरगढ़ सेवा समिति को सुपुर्द किया।
संघ के पदयात्रियों ने पदयात्रा के दौरान ही यह संकल्प लिया कि भोजन की थाली से बड़ा पुण्य, जीव सेवा की थाली है। जहाँ जीव-दया होती है, वहाँ प्रभु की सच्ची पूजा होती है।
समिति के अध्यक्ष जतनसिंह ने कहा कि गौमाता एवं अबोल जीवों की सेवा हेतु दिया गया आपका यह योगदान हमारी समिति के लिए सदैव स्मरणीय रहेगा। उन्होंने द्वारकाधीश संघ के सभी पदयात्रियों को समिति की ओर से सहृदय धन्यवाद और साधुवाद दिया। समिति ने संघ के समस्त पदयात्रियों व पदाधिकारियों का हृदय से आभार व्यक्त किया और कहा कि यह प्रेरणादायक पहल आने वाली पीढ़ियों को भी सेवा के पथ पर अग्रसर करेगी।