श्रीडूंगरगढ़ टुडे 26 सितंबर 2025
युवा नाम है उत्साह से भरा,
परन्तु ये नशे में जकड़ा।
आज युवा नशा करने में मस्त,
इस बात से सारा समाज ग्रस्त है।
युवा अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहा है,
मौत के प्रतिपल नजदीक जा रहा है।
माता-पिता, गुरु अच्छी बातें सीखाने में लगे हैं,
पर युवा नजरअन्दाज कर नशा करने लगे हैं।
युवाओं को उलाहना देने से क्या होगा,
हमें ये भाव आज युवाओं में जगाना होगा।
सभी का तो हम नहीं कह सकते हैं,
पर आज के युवा में न शर्म है, न लिहाज है,
और न ही किसी के पास अच्छा बोलने के अिल्फाज है। शारीरिक श्रम तो युवा ने बन्द कर दिया है,
बस अपने आपको अपने में ही जकड़ लिया है।
सच बात बताने वाला इन्हें करेले-सा कड़वा लगता है,
बुरी बात में साथ देने वाला शहद-सा मीठा लगता है।
यदि देश के युवा को नशे से मुक्त करना है,
तो शुरुआत अपने घर से ही करनी होगी।
नशा मुक्त की लोग रैली निकालते हैं,उपदेश देते हैं,
और थोड़ी ही देर बाद खुद नशा करते नज़र आते है।
नशा मुक्त समाज चाहिए तो,
प्रयास हमें मन से करना होगा।
सबसे पहले युवाओं के मन को शुद्ध करना होगा, जिन्दगी दोबारा नहीं मिलती इस बात का अहसास करवाना होगा।
चाय, बीड़ी, सिगरेट, शराब, मोबाइल, टी.वी., इनसे जो नुकसान होता है वह बताना होगा,
माता-पिता व इस राष्ट्र के तुम सहारे हो ये समझाना होगा।” यहि नशे में तुम रहोगे मस्त, बीमारियाँ तुम्हें हर हाल में कर देगी त्रस्त।”
“नशा एक अभिशाप है सबको ये समझाएं, देश का भविष्य हैं युवा, जीवन इनका बचाएं।”
प्रस्तावना- किसी भी देश के युवा उस देश के विकास का प्रमुख आधार होते हैं। देश का भविष्य कैसा होगा यह देश के युवाओं पर ही निर्भर होता है। युवा अगर चाहें तो अपनी कड़ी मेहनत और लगन से खुद के साथ-साथ देश को भी बुलन्दियों तक पहुंचा सकते हैं।
