श्रीडूंगरगढ़ टुडे 30 सितंबर 2025
जब जीवन में अँधेरा हो बहुत घना,
हिम्मत मत हारो तुम।
जब लोग भटकाने का प्रयास करें,
सही गलत के बारे में सोचो तुम।
जब निराशा चारों तरफ से घेर लें,
मन में आशा की किरण जगाओ तुम।
जीवन में आलस्य को त्यागो तुम,
फिर से शुरू करने का प्रयास करो तुम।
हालातों के आगे झुको मत,
अपने परिश्रम पर ध्यान दो तुम् ।
जब अँधेरा छा जाये चारों ओर,
सूर्य बनकर चमकते रहो तुम।
गिर कर उठना मनुष्य की प्रवृत्ति है,
पानी से भी अपने जीवन में कुछ सीखो तुम।
जब लगे सब खत्म हो गया जीवन में,
फिर से जीवन जीने का प्रयास करो तुम।
अँधेरा चीर कर जो आगे बढ़ता है,
निश्चय ही वह नया इतिहास रचता है।
अँधेरे से मत घबराओ तुम,
सब कुछ मुझे ही करना है इस बात को जान जाओ तुम
जब अँधेरा हो बहुत घना कुछ नज़र न आए,
बस खुद पर विश्वास रखो।
मैं सब कुछ कर सकता हूँ,इस बात पर ध्यान रखो तुम
बस विश्वासू रखो अँधेरा है तो उजाला भी होगा, यदि जीवन है तो अच्छा वक्त भी होगा ।।