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7 अक्टूबर 2025मंगलवार, शरद पूर्णिमा की हार्दिक शुभकानमाओं के साथ देखें आज का पंचांग व राशिफल साथ जानें रोजाना और भी नई कुछ खास बातें पंडित नरेश सारस्वत रीड़ी के साथ

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श्रीडूंगरगढ़ टुडे 7 अक्टूबर 2025

पंचांग का अति प्राचीन काल से ही बहुत महत्त्व माना गया है। शास्त्रों में भी पंचांग को बहुत महत्त्व दिया गया है और पंचाग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना गया है। पंचांग में सूर्योदय सूर्यास्त, चद्रोदय-चन्द्रास्त काल, तिथि, नक्षत्र, मुहूर्त योगकाल, करण, सूर्य-चंद्र के राशि, चौघड़िया मुहूर्त दिए गए हैं।

य श्री गणेशाय नमः

य श्री कृष्णा

आज का  पंचांग-07.10.2025

️दैनिक गोचर राशिफल सहित✴️
🕉️ शुभ मंगलवार 🌞 – शुभ प्रभात् 🕉️
74-30💥मध्यमान💥75-30
(केतकी चित्रापक्षीय गणितानुसारेण निर्मितम्)


आज विशेष

हिंदू मान्यताओं के अनुसार पांच कन्यायें पवित्र
एवं स्मरण मात्र से पाप नाशिनी मानी गयी है


दैनिक पंचांग विवरण


आज दिनांक………………….. 7.10.2025
कलियुग संवत्…………………………5127
विक्रम संवत्…………………………. 2082
शक संवत्……………………………..1947
संवत्सर…………………………. श्री सिद्धार्थी
अयन…………………………………..दक्षिण
गोल………………………. …………..दक्षिण
ऋतु…………………………………….. शरद्
मास…………………………………. आश्विन
पक्ष……………………………………. शुक्ला
तिथि.पूर्णिमा. प्रातः 9.18 तक/प्रतिपदा(क्षय)
वार………………………………… मंगलवार
नक्षत्र……रेवती. रात्रि. 1.28* तक / अश्विनी
चंद्रमा……….. मीन. रात्रि. 1.28* तक / मेष
योग……….. ध्रुव. प्रातः 9.30 तक / व्याघात्
करण………………….. बव. प्रातः 9.18 तक
करण……………… बालव. रात्रि. 7.36 तक
करण….. कौलव. रात्रि. 5.53* तक / तैत्तिल


नोट-जिस रात्रि समय के ऊपर(*) लगा हुआ हो
वह समय अर्द्ध रात्रि के बाद सूर्योदय तक का है।


विभिन्न नगरों के सूर्योदय में समयांतर मिनट

दिल्ली -10 मिनट———जोधपुर +6 मिनट
जयपुर -5 मिनट——अहमदाबाद +8 मिनट
इंदौर – 4 मिनट————-मुंबई +7 मिनट
लखनऊ – 25 मिनट——बीकानेर +5 मिनट
कोलकाता -54 मिनट–जैसलमेर +15 मिनट


सूर्योंदयास्त दिनमानादि-अन्य आवश्यक सूची


सूर्योदय…………………. प्रातः 6.27.15 पर
सूर्यास्त…………………..सायं. 6.10.46 पर
दिनमान-घं.मि.से……………….. 11.43.30
रात्रिमान………………………….12.16.55
चंद्रोदय…………………..6.14.44 PM पर
चंद्रास्त……………………6.58.41 AM पर
राहुकाल..अपरा. 3.15 से 4.43 तक(अशुभ)
यमघंट….प्रातः 9.23 से 10.51 तक(अशुभ)
गुलिक.अपरा.12.19 से 1.47 (शुभे त्याज्य)
अभिजित……मध्या.11.56 से 12.42(शुभ)
पंचक……………… रात्रि. 1.28* पर समाप्त
हवन मुहूर्त…………………………… आज है।
दिशाशूल………………………… उत्तर दिशा
दोष परिहार……. गुड़ का सेवन कर यात्रा करें


🌄विशिष्ट काल-मुहूर्त-वेला परिचय🌄


अभिजित् मुहुर्त – दिनार्द्ध से एक घटी पहले और एक घटी बाद का समय अभिजित मुहूर्त कहलाता है,पर बुधवार को यह शुभ नहीं होता।


ब्रह्म मुहूर्त – सूर्योदय से पहले का 1.30 घंटे का समय ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है।


प्रदोष काल – सूर्यास्त के पहले 45 मिनट और
बाद का 45 मिनट प्रदोष माना जाता है।


गौधूलिक काल-सूर्यास्त से 12 मिनट पहले एवं
12 मिनट बाद का समय कहलाता है।


🌄✴️भद्रा वास शुभाशुभ विचार✴️🌄


भद्रा मेष, वृष, मिथुन, वृश्चिक के चंद्रमा में स्वर्ग में व कन्या, तुला, धनु, मकर के चंद्रमा में पाताल लोक में और कुंभ, मीन, कर्क, सिंह के चंद्रमा में मृत्युलोक में मानी जाती है यहां स्वर्ग और पाताल लोक की भद्रा शुभ मानी जाती हैं और मृत्युलोक की भद्रा काल में शुभ कार्य वर्जित होते हैं इसी तरह भद्रा फल विचार करें..


✴️सूर्योदय कालीन लग्न एवं ग्रह स्पष्ट✴️


लग्न ………….. .कन्या 19°21′ हस्त 3 ण
सूर्य …………… कन्या 19°48′ हस्त 3 ण
चन्द्र ……………..मीन 18°10′ रेवती 1 दे
बुध ……………….तुला 6°19′ चित्रा 4 री
शुक्र …..सिंह 27°19′ उत्तर फाल्गुनी 1 टे
मंगल ………….तुला 15°48′ स्वाति 3 रो
बृहस्पति ….. मिथुन 28°57′ पुनर्वसु 3 हा
शनि * ……. मीन 3°11′ पूर्वभाद्रपद 4 दी
राहू * ….. कुम्भ 22°35′ पूर्वभाद्रपद 1 से
केतु * … सिंह 22°35′ पूर्व फाल्गुनी 3 टी


✴️🌄दिन का चौघड़िया🌄✴️


चंचल…………..प्रातः 9.23 से 10.51 तक
लाभ………….पूर्वा. 10.51 से 12.19 तक
अमृत…………अपरा. 12.19 से 1.47 तक
शुभ…………….अपरा. 3.15 से 4.43 तक


✴️🌄रात्रि का चौघड़िया🌄✴️


लाभ……………..रात्रि. 7.43 से 9.15 तक
शुभ……..रात्रि. 10.47 से 12.19 AM तक
अमृत..रात्रि. 12.19 AM से 1.51 AM तक
चंचल….रात्रि. 1.51 AM से 3.23 AM तक


(विशेष – ज्योतिष शास्त्र में एक शुभ योग और एक अशुभ योग जब भी साथ साथ आते हैं तो शुभ योग की स्वीकार्यता मानी गई है )


🌞🕉️शुभ शिववास की तिथियां🕉️🌞

शुक्ल पक्ष-2—–5—–6—- 9——-12—-13.
कृष्ण पक्ष-1—4—-5—-8—11—-12—-30.


दिन नक्षत्र एवं चरणाक्षर संबंधी संपूर्ण विवरण

संदर्भ विशेष -यदि किसी बालक का जन्म गंड नक्षत्रों (रेवती, अश्विनी, अश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा और मूल) में होता है तो सविधि नक्षत्र शांति की आवश्यक मानी गयी है और करवाना चाहिये..

आज जन्मे बालकों का नक्षत्र के चरण के समय समय के नुसार राशिगत् नामाक्षर….


समय-नक्षत्र नाम-नक्षत्र चरण-चरणाक्षर


09.24 AM तक—रेवती—–1 ——–दू
02.46 PM तक—रेवती—–2———थ
08.07 PM तक—रेवती—–3———झ
01.28 AM तक—रेवती—–4———ञ

राशि मीन – पाया लौह__
उपरांत रात्रि तक- अश्विनी—-1———चू

राशि मेष – स्वर्ण


आज का दिन


व्रत विशेष……………………..आज नहीं है।
अन्य व्रत…………… कार्तिक स्नान व्रतारंभ पर्व विशेष………… महर्षि वाल्मीकि जयंती
पर्व विशेष………….. महर्षि पाराशर जयंती
दिन विशेष……….पूर्णिमा स्नान पुण्य लाभ
दिन विशेष………………….चातुर्मास जारी
दिन विशेष…………….. विश्व कपास दिवस
पंचक……………. रात्रि. 1.28* पर समाप्त
विष्टि(भद्रा).12.24 पीएम से 10.54 पीएम खगोलीय……….. .वर्तमान सूर्य नक्षत्र(हस्त)
नक्षत्र वाहन…………….. चातक.वर्षा (श्रेष्ठ)
खगोलीय… स्वात्यां बुध. अपरा. 12.17 पर
सर्वा.सि.योग…………………. आज नहीं है।अमृ.सि.योग… रात्रि. 1.28 से शेष रात्रि तक सिद्ध रवियोग.प्रात……………..आज नहीं है।


अगले दिन की प्रतीकात्मक जानकारी


आज दिनांक………………. 08.10.2025
तिथि……… कार्तिक कृष्णा द्वितीया बुधवार
व्रत विशेष……………………..आज नहीं है।
अन्य व्रत…………..कार्तिक स्नान व्रत जारी पर्व विशेष……………………. आज नहीं है।
दिन विशेष…………………. चातुर्मास जारी
दिन विशेष………………… वायुसेना दिवस
पंचक…………………………. आज नहीं है।
विष्टि(भद्रा)…………………… आज नहीं है। खगोलीय………….वर्तमान सूर्य नक्षत्र(हस्त)
नक्षत्र वाहन………………चातक.वर्षा (श्रेष्ठ)
खगोलीय……………………… आज नहीं है।
सर्वा.सि.योग…………………. .आज नहीं है।अमृ.सि.योग……………………आज नहीं है।

सिद्ध रवियोग.प्रातः…………….आज नहीं है।


✴️आज की विशेष प्रस्तुति✴️

💥धर्म ज्योतिष वास्तु एवं गोचर राशिफल 💥


हिंदू मान्यताओं के अनुसार पांच कन्यायें पवित्र एवं स्मरण मात्र से पाप नाशिनी मानी गयी है।

अहल्या द्रौपदी तारा कुंती मंदोदरी तथा।
पंचकन्या: स्मरेतन्नित्यं महापातकनाशम्॥

पुराणानुसार पांच स्त्रियां विवाहिता होनें पर भी कन्याओं के समान ही पवित्र मानी गई है।

अहिल्या,
द्रौपदी,
कुन्ती,
तारा
और मंदोदरी।

हिन्दू धर्म से जुड़ी पौराणिक कथाओं में ज्यादातर प्रसिद्ध पात्र पुरुषों के ही हैं। पुरुषों को ही महायोद्धा, अवतार आदि का दर्जा दिया गया और उन्हीं से जुड़े चमत्कारों का भी वर्णन हुआ।लेकिन उनके जीवन से जुड़ी महिलाएं,
जिनके बिना उनका अपने उद्देश्यों को प्राप्त करना तक मुश्किल था, उन्हें मात्र एक भूमिका में लाकर छोड़ दिया गया। यही वजह है कि पौराणिक स्त्रियां जैसे मंदोदरी रावण की अर्धांगिनी के तौर पर, तारा को बाली की पत्नी के बतौर, अहिल्या को गौतम ऋषि की पत्नी के रूप में,
कुंती और द्रौपदी को पांडवों की माता और पत्नी के रूप में ही जाना जाता है।

पंचकन्या :-

हिन्दू धर्म में इन पांचों स्त्रियों को पंच कन्याओं का दर्जा दिया गया है। जिस स्वरूप में हम अपने पौराणिक इतिहास को देखते हैं, उसे विशिष्ट स्वरूप को गढ़ने का श्रेय इन स्त्रियों को देना शायद अतिश्योक्ति नहीं कहा जाएगा।

पंच कन्याओं का जीवन :-

मंदोदरी, अहिल्या और तारा का संबंध रामायण काल से है,
वहीं द्रौपदी और कुंती, महाभारत से संबंधित हैं।
ये पांचों स्त्रियां दिव्य थीं, एक से ज्यादा पुरुषों के साथ संबंध होनें के बाद भी इन्हें बेहद पवित्र माना गया।
आइए जानते हैं पंचकन्याओं के बारे में, क्या था इनका जीवन।

पहली पंच कन्या अहिल्या : – पद्मपुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार देवराज इन्द्र स्वर्ग लोक में अप्सराओं से घिरे रहनें के बाद भी काम वासना से घिरे रहते थे।
एक दिन वो धरती पर विचरण कर रहे थे।
तभी उन्होंने देखा कि एक कुटिया के बाहर गौतम ऋषि की पत्नी देवी अहिल्या दैनिक कार्यों में व्यस्त हैं।
अहिल्या इतनी सुंदर और रूपवती थी कि इन्द्र उन्हें देखकर मोहित हो गए। इस तरह इन्द्र रोजाना देवी अहिल्या को देखने के लिए कुटिया के बाहर आने लगे।
धीरे-धीरे उन्हें गौतम ऋषि की दिनचर्या के बारे में पता चलने लगा। इन्द्र को अहिल्या के रूप को पाने की एक युक्ति सूझी। उन्होंने सुबह गौतम ऋषि के वेश में आकर अहिल्या के साथ काम क्रीडा करने की योजना बनाई क्योंकि सूर्य उदय होने से पूर्व ही गौतम ऋषि नदी में स्नान करने के लिए चले जाते थे। इसके बाद करीब 2-3 घंटे बाद पूजा करने के बाद आते थे। इन्द्र आधी रात से ही कुटिया के बाहर छिपकर ऋषि के जाने की प्रतीक्षा करने लगे।
इस दौरान इन्द्र की कामेच्छा उनपर इतनी हावी हो गई कि उन्हें एक और योजना सूझी। उन्होंने अपनी माया से ऐसा वातावरण बनाया जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता था कि सुबह हो गई हो। ये देखकर गौतम ऋषि कुटिया से बाहर चले गए। उनके जानें के कुछ समय बाद इन्द्र ने गौतम ऋषि का वेश बनाकर कुटिया में प्रवेश किया। उन्होंने आते ही कहा अहिल्या से प्रणय निवेदन किया.। अपनें पति द्वारा इस तरह के विचित्र व्यवहार को देखकर पहले तो देवी अहिल्या को शंका हुई लेकिन इन्द्र के छल-कपट से सराबोर मीठी बातों को सुनकर अहिल्या भी अपने पति के स्नेह में सब कुछ भूल बैठी। दूसरी तरफ नदी के पास जाने पर गौतम ऋषि ने आसपास का वातावरण देखा जिससे उन्हें अनुभव हुआ कि अभी भोर नहीं हुई है। वो किसी अनहोनी की कल्पना करके अपनें घर पहुंचे। वहां जाकर उन्होंने देखा कि उनके वेश में कोई दूसरा पुरुष उनकी पत्नी के साथ रति क्रियाएं कर रहा है। ये देखते ही वो क्रोध से व्याकुल हो उठे। वहीं दूसरी ओर उनकी पत्नी ने जब अपने पति को अपने सामने खड़ा पाया तो उन्हें सारी बात समझ में आने लगी। अंजाने में किए गए अपराध को सोचकर उनका चेहरा पीला पड़ गया। इन्द्र भी भयभीत हो गए।
क्रोध से भरकर गौतम ऋषि ने इन्द्र से कहा ‘मूर्ख, तूने मेरी पत्नी का स्त्रीत्व भंग किया है। उसकी योनि को पाने की इच्छा मात्र के लिए तूने इतना बड़ा अपराध कर दिया।
यदि तुझे स्त्री योनि को पाने की इतनी ही लालसा है तो मैं तुझे श्राप देता हूं कि अभी इसी समय तेरे पूरे शरीर पर हजार योनियां उत्पन्न हो जाएगी’। कुछ ही पलों में श्राप का प्रभाव इन्द्र के शरीर पर पड़ने लगा और उनके पूरे शरीर पर स्त्री योनियां निकल आई। ये देखकर इन्द्र आत्मग्लानिता से भर उठे। उन्होंने हाथ जोड़कर गौतम ऋषि से श्राप मुक्ति की प्रार्थना की। ऋषि ने इन्द्र पर दया करते हुए हजार योनियों को हजार आंखों में बदल दिया। वहीं दूसरी ओर अपनी पत्नी को शिला में बदल दिया। बाद में प्रभु श्रीराम ने उनका पैरों से स्पर्श कर उद्धार किया। इन्द्र को ‘देवराज’ की उपाधि देने के साथ ही उन्हें देवताओं का राजा भी माना जाता है लेकिन उनकी पूजा एक भगवान के तौर पर नहीं की जाती। इन्द्र द्वारा ऐसे ही अपराधों के कारण उन्हें दूसरे देवताओं की तुलना में ज्यादा आदर- सत्कार नहीं दिया जाता।

दूसरी पंचकन्या तारा : – किष्किंधा की महारानी और बाली की पत्नी तारा का पंचकन्याओं में दूसरा स्थान है।
कुछ ग्रंथों के अनुसार तारा, बृहस्पति की पौत्री थीं तो कुछ के अनुसार समुद्र मंथन के समय निकली मणियों में से एक मणि तारा थी। तारा इतनी खूबसूरत थी कि देवता और असुर सभी उनसे विवाह करना चाहते थे।
बाली की पत्नी :- बाली और सुषेण, मंथन में देवताओं के सहायक के तौर पर मौजूद थे। जब तारा क्षीर सागर से निकली तब दोनों ने ही उनसे विवाह करने की इच्छा प्रकट की। बाली, तारा के दाहिनी तरफ खड़ा था और सुषेण उनकी बाईं ओर। तब विष्णु ने इस समस्या का हल किया कि जो व्यक्ति कन्या की दाहिनी ओर खड़ा होता है वह उसका पति और बाईं ओर खड़ा होनें वाला उसका पिता होता है। ऐसे में बालि को तारा का पति घोषित किया गया।

सुग्रीव के साथ युद्ध : – असुरों के साथ युद्ध के दौरान बाली की मृत्यु को प्राप्त जैसी अफवाह उड़ने पर सुग्रीव ने बाली की पत्नी के साथ विवाह कर खुद को किष्किंधा का सम्राट घोषित कर दिया। लेकिन जब बाली वापस आया तब उसने अपने भाई से राज्य और अपनी पत्नी को हासिल करने के लिए आक्रमण कर दिया। बाली ने सुग्रीव को अपने राज्य से बाहर कर दिया और साथ ही उसकी प्रिय पत्नी रुमा को अपने पास ही रखा। जब सुग्रीव को राम का साथ प्राप्त हुआ तब उसने वापस आकर फिर बाली को युद्ध के लिए ललकारा।
तारा का सुझाव :- तारा समझ गई कि सुग्रीव के पास अकेले बाली का सामना करने की ताकत नहीं है इसलिए हो ना हो उसे राम का समर्थन प्राप्त हुआ है। उसने बाली को समझाने की कोशिश भी की लेकिन बाली ने समझा कि सुग्रीव को बचाने के लिए तारा उसका पक्ष ले रही है।
बाली ने तारा का त्याग कर दिया और सुग्रीव से युद्ध करने चला गया।
बाली का कथन :- जब राम की सहायता से सुग्रीव ने बाली का वध किया तो मृत्यु शैया पर रहते हुए बाली ने अपने भाई सुग्रीव से कहा कि वे हर मामले में तारा का सुझाव अवश्य लें, तारा के परामर्श के बिना कोई भी कदम उठाना भारी पड़ सकता है।

तीसरी पंचकन्या मंदोदरी : –

मंदोदरी तीसरा नाम है असुर सम्राट रावण की पत्नी मंदोदरी का, जिसने रावण की हर बुरे कदम पर खेद प्रकट किया और उसे हर बुरा काम करने से रोका। हिन्दू पौराणिक ग्रंथों में मंदोदरी को एक ऐसी स्त्री के रूप में दर्शाया गया है जो हमेशा सत्य के मार्ग पर चली। मंदोदरी असुर राजा मयासुर और हेमा नामक अप्सरा की पुत्री थी।
मंदोदरी की सुंदरता पर मुग्ध होकर रावण ने उससे विवाह किया था। पंच कन्याओं में से एक मंदोदरी को चिर कुमारी के नाम से भी जाना जाता है। मंदोदरी अपने पति द्वारा किए गए बुरे कार्यों से अच्छी तरह वाकिफ थी, वह हमेशा रावण को यही सलाह देती थी कि बुराई के मार्ग को त्याग कर सत्य की शरण में आ जाए, लेकिन अपनी ताकत पर गुमान करने वाले रावण ने कभी मंदोदरी की बात को गंभीरता से नहीं लिया। रावण की मृत्यु के पश्चात, भगवान राम के कहने पर विभीषण ने मंदोदरी से विवाह किया था।

चौथी पंचकन्या कुंती : –

रामायण काल के बाद चौथा नाम आता है कुंती का। हस्तिनापुर के राजा पांडु की पत्नी और तीन ज्येष्ठ पांडवों की माता, कुंती को ऋषि दुर्वासा ने एक ऐसा मंत्र दिया था, जिसके अनुसार वह जिस भी देवता का ध्यान कर उस मंत्र का जाप करेंगी, वह देवता उन्हें पुत्र रत्न प्रदान करेगा।

मंत्र का प्रभाव :- कुंती को इस मंत्र के प्रभावों को जानना था इसलिए एक दिन उन्होंने भगवान सूर्य का ध्यान कर उस मंत्र का जाप आरंभ किया। सूर्य देव ने प्रकट हुए और उन्हें एक पुत्र प्रदान किया। वह पुत्र कर्ण था, लेकिन उस समय कुंती अविवाहित थी इसलिए उन्हें कर्ण का त्याग करना पड़ा। स्वयंवर में कुंती और पांडु का विवाह हुआ। पांडु को एक ऋषि द्वारा यह श्राप मिला हुआ था कि जब भी वह किसी स्त्री का स्पर्श करेगा, उसकी मृत्यु हो जाएगी। पांडु की मृत्यु के पश्चात कुंती ने धर्म देव को याद कर उनसे युधिष्ठिर, वायु देव से भीम और इन्द्र देव से अर्जुन को प्राप्त किया।
माद्री की प्रार्थना : – पांडु की दूसरी पत्नी माद्री ने कुंती से इस मंत्र का जाप कर पुत्र प्राप्त करने की अनुमति मांगी,
जिसे कुंती ने स्वीकार कर लिया। अश्विनी कुमार को याद कर माद्री ने उनसे नकुल और सहदेव को प्राप्त किया।

पांचवीं पंच कन्या द्रौपदी : –

महाभारत की नायिका द्रौपदी भी पंच कन्याओं में से एक हैं। पांच पतियों की पत्नी बनने वाली द्रौपदी का व्यक्तित्व काफी मजबूत था। स्वयंवर के दौरान अर्जुन को अपना पति स्वीकार करने वाली द्रौपदी को कुंती के कहने पर पांचों भाइयों की पत्नी बनकर रहना पड़ा।

काली का अवतार :- द्रौपदी को वेद व्यास ने यह वरदान दिया था कि पांचों भाइयों की पत्नी होने के बाद भी उसका कौमार्य कायम रहेगा। प्रत्येक पांडव से द्रौपदी को एक-एक पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। चौपड़ के खेल में हारने के बाद जब पांडवों को अज्ञातवास और वनवास की सजा हुई, तब द्रौपदी ने भी उनके साथ सजा का पालन किया।
कुरुक्षेत्र के युद्ध में अपने पुत्र, पिता और भाई को खोने वाली द्रौपदी को कुछ ग्रंथों में मां काली तो कुछ में धन की देवी लक्ष्मी का अवतार भी कहा जाता है।


✴️ 🕉️आज का राशिफल🕉️ ✴️


मेष-(चू चे चो ला ली लू ले लो अ)
आज आपके द्वारा सामाजिक मेलजोल से ज़्यादा सेहत को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। आज आपका धन कई चीजों पर खर्च हो सकता है, आपको आज अच्छा बजट प्लान करने की आवश्यकता है इससे आपकी कई परेशानियां दूर हो सकती हैं। परिवार के लोगों के बीच पैसे को लेकर आज कहासुनी हो सकती है। पैसों के मामलों में आपको परिवार के सभी लोगों को स्पष्ट होने की सलाह देनी चाहिए। आज अपने प्रिय को माफ़ करना न भूलें। बड़े व्यापारिक लेन-देन करते वक़्त अपनी भावनाओं पर क़ाबू रखें। व्यस्त दिनचर्या के बावजूद भी आज आप अपने लिए समय निकालपाने में सक्षम होंगे। खाली वक्त में आज आप कुछ रचनात्मक कर सकते हैं। आप अपने जीवनसाथी के साथ अच्छा दिन गुज़ार सकते हैं, इससे आपका रिश्ता मज़बूत होगा।

वृषभ-(इ उ एओ वा वी वू वे वो)
आज किसी पुराने दोस्त से मुलाक़ात आपका मन ख़ुश कर देगी। आज आप घर से बाहर तो बहुत सकारात्मकता के साथ निकलेंगे लेकिन किसी कीमती वस्तु के चोरी होने की वजह से आपका मूड खराब हो सकता है। पारिवारिक उत्तरदायित्व में वृद्धि होगी, जो आपको मानसिक तनाव दे सकती है। आपको अपनी रसिक कल्पनाओं पर अधिक ग़ौर करने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि संभव है कि वे आज सच हो जाएँ। साझीदारी और व्यापार में हिस्सेदारी वग़ैरह से दूर रहें। जिन रिश्तों को आप अहमियत देते हैं उन्हें समय देना भी आपको सीखना होगा, नहीं तो रिश्ते टूट सकते हैं। आपका जीवनसाथी अन्य दिनों की अपेक्षा आपका ज़्यादा ख़्याल रखेगा।

मिथुन- (क की कू घ ङ छ के को ह)
आज आपके दोस्तों का रुख़ सहयोगी रहेगा और वे आपको ख़ुश रखेंगे। दिन चढ़ने पर वित्तीय तौर पर सुधार आएगा। दिन के उत्तरार्ध में अचानक आई कोई अच्छी ख़बर पूरे परिवार को ख़ुशी देगी। प्यार के मामले में आज आप ग़लत समझे जा सकते हैं। करिअर के नज़रिए से शुरू किया गया सफ़र कारगर रहेगा। लेकिन ऐसा करने से पहले अपने माता-पिता से इजाज़त ज़रूर ले लें, नहीं तो बाद में वे आपत्ति कर सकते हैं। जीवनसंगी के साथ वक्त बिताने के लिए आज आप ऑफिस से जल्दी निकल सकते हैं लेकिन रास्ते में अत्यधिक जाम की वजह से आप ऐसा करने में समर्थ नहीं हो पाएंगे। लंबे समय से कामकाज का दबाव आपके वैवाहिक जीवन के लिए कठिनाई खड़ी कर रहा है। लेकिन आज सारी शिकायतें दूर हो जाएंगी।

कर्क- (ही हू हे हो डा डी डू डे डो)
आज आप पेचीदा हालात में फँसने पर घबराएँ नहीं। जैसे खाने में थोड़ा-सा तीखापन उसे और भी स्वादिष्ट बना देता है, उसी तरह ऐसी परिस्थितियाँ आपको ख़ुशियों की सही क़ीमत बताती हैं। अपना मूड बदलने के लिए किसी सामाजिक आयोजन में शिरकत करें। जिन लोगों को आप जानते हैं, उनके ज़रिए आपको आमदनी के नए स्रोत मिलेंगे। अपना क़ीमती वक़्त अपने बच्चों के साथ गुज़ारें। यह सबसे बेहतर मरहम है। वे कभी न ख़त्म होने वाली ख़ुशियों का स्रोत साबित होंगे। प्यार में थोड़ी निराशा आपको हतोत्साहित नहीं कर सकेगी। आपको महसूस होगा कि आपके परिवार का सहयोग ही कार्यक्षेत्र में आपके अच्छे प्रदर्शन के लिए ज़िम्मेदार है। गप्पबाज़ी और अफ़वाहो से दूर रहें। जीवनसाथी द्वारा परिवार और मित्रों के बीच नकारात्मक तरीक़े से आपके वैवाहिक जीवन की निजी बातें उजागर हो सकती हैं।

सिंह- (मा मी मू मे मो टा टी टू टे)
आज ज़िन्दगी की बेहतरीन चीज़ों को मन से महसूस करने के लिए अपने दिल-दिमाग़ के दरवाज़े खोलें। चिंता को छोड़ना इसकी ओर पहला क़दम है। जीवन की गाड़ी को अच्छे से चलाना चाहते हैं तो आज आपको पैसे की आवाजाही पर विशेष ध्यान देना होगा। दिन के दूसरे हिस्से में कुछ दिलचस्प और रोमांचक काम करने के लिए बढ़िया वक़्त है। काम के दबाव के चलते मानसिक उथल-पुथल और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। दिन के उत्तरार्ध में ज़्यादा तनाव न लें और आराम करें। पैसे बनाने के उन नए विचारों का उपयोग करें, जो आज आपके ज़ेहन में आएँ। व्यस्त दिनचर्या के बावजूद भी आज आप अपने लिए समय निकालपाने में सक्षम होंगे। खाली वक्त में आज कुछ रचनात्मक कर सकते हैं। ज़रूरत के वक़्त आपका जीवनसाथी आपके परिवार की अपेक्षा अपने परिवार को ज़्यादा तरजीह देता हुआ नज़र आ सकता है।

कन्या- (टो प पी पू ष ण ठ पे पो)
आज आप किसी भी तरह के द्वन्द्व या विरोध से बचें, क्योंकि आपकी सेहत पर इसका बुरा असर होगा। आपको कमीशन, लाभांश या रोयल्टी के ज़रिए फ़ायदा होगा। शाम का ज़्यादातर समय मेहमानों के साथ गुज़रेगा। सैर-सपाटे पर जाने का कार्यक्रम बन सकता है, जो आपकी ऊर्जा और उत्साह को तरोताज़ा कर देगा। कार्यक्षेत्र में परिस्थितियाँ आपके पक्ष में लगती हैं। जो चीजें आपके लिए आवश्यक नहीं हैं उनपर आज अपना अधिकतर समय आप जाया कर सकते हैं। आपका जीवनसाथी बिना जाने कुछ ऐसा ख़ास काम कर सकता है, जिसे आप कभी भुला नहीं पाएंगे।

तुला- (रा री रू रे रो ता ती तू ते)
आज आप अपने स्वास्थ्य को नज़रअन्दाज़ न करें, शराब से बचें। दिन चढ़ने पर वित्तीय तौर पर सुधार आएगा। आपको अपना बाक़ी वक़्त बच्चों के संग गुज़ारना चाहिए, चाहे इसके लिए आपको कुछ ख़ास ही क्यों न करना पड़े। अपनी बातों को सही साबित करने के लिए आज के दिन आप अपने संगी से झगड़ सकते हैं। हालांकि आपका साथी समझदारी दिखाते हुए आपको शांत कर देगा। कामकाज से जुड़े मामलों में दोस्त का अहम सहयोग मददगार रहेगा। जिन रिश्तों को आप अहमियत देते हैं उन्हें समय देना भी आपको सीखना होगा नहीं तो रिश्ते टूट सकते हैं। काफ़ी वक़्त बाद आप और आपका जीवनसाथी एक शान्त दिन साथ बिता सकते हैं, जब कोई लड़ाई-झगड़ा न हो – सिर्फ़ प्यार हो।

वृश्चिक- (तो ना नी नू ने नो या यी यू)
आज आपको अपना अतिरिक्त समय अपने शौक़ पूरे करने या उन कामों को करने में लगाना चाहिए, जिन्हें करने में आपको सबसे ज़्यादा मज़ा आता है। अगर आप लोन लेने वाले थे और काफी दिनों से इस काम में लगे थे तो आज के दिन आपको लोन मिल सकता है। पुरखों की जायदाद की ख़बर पूरे परिवार के लिए ख़ुशी ला सकती है। आपका प्रिय दिन भर आपको याद करने में समय बिताएगा। आपके साझीदार आपकी नई योजनाओं और विचारों का समर्थन करेंगे। यदि आपको व्यस्त दिनचर्या के बाद भी अपने लिए समय मिल पा रहा है तो आपको इस समय का सदुपयोग करना सीखना चाहिए। ऐसा करके अपने भविष्य को आप सुधार सकते हैं। आपका जीवनसाथी किसी ख़ूबसूरत सरप्राइज़ से आपका दिन बना सकता है।

धनु-ये यो भा भी भू धा फा ढ़ा भे)
आज रुपये-पैसे के हालात और उससे जुड़ी समस्याएँ तनाव का कारण साबित हो सकती हैं। हालाँकि आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा, लेकिन पैसे का लगातार पानी की तरह बहते जाना आपकी योजनाओं में रुकावट पैदा कर सकता है। आज आपका ऊर्जा से भरपूर, ज़िंदादिल और गर्मजोशी से भरा व्यवहार आपके आस-पास के लोगों को ख़ुश कर देगा। प्रेम-संबंध में ग़ुलाम की तरह व्यवहार न करें। रचनात्मक कामों से जुड़े लोगों के लिए बेहतरीन दिन है, क्योंकि उन्हें वह शोहरत और पहचान मिलेगी जिसकी उन्हें लम्बे समय से तलाश थी। वक्त की नजाकत को समझते हुए आज आप सब लोगों से दूरी बनाकर एकांत में वक्त बिताना पसंद करेंगे। ऐसा करना आपके लिए हितकर भी होगा। जीवनसाथी की ख़राब सेहत का असर आपके काम-काज पर भी पड़ सकता है, लेकिन आप किसी तरह स्थिति संभालने में सफल रहेंगे।

मकर- (भो जा जी खी खू खे खो गा गी)
आज आप नियमित व्यायाम के माध्यम से वज़न को नियन्त्रित रखें। इस राशि के कुछ लोगों को आज जमीन से जुड़े किसी मुद्दे को लेकर धन खर्च करना पड़ सकता है। आपका बच्चा आपकी उम्मीदों पर खरा उतरेगा और आप उसके ज़रिए अपने सपने साकार होते हुए देखेंगे। आज आप जीवन में सच्चे प्रेम की कमी का अनुभव करेंगे। ज़्यादा चिंता न करें, हर चीज़ समय के साथ बदलती है और इसलिए आपकी रोमांटिक ज़िंदगी में भी बदलाव आएगा। दूसरे आपसे काफ़ी ज़्यादा समय की मांग कर सकते हैं। उनसे किसी भी तरह का वादा करने से पहले यह देख लें कि आपका काम उससे प्रभावित न हो और साथ ही वे आपकी उदारता और सुहृदयता का ग़लत फ़ायदा न उठाएँ। आज आपको ढेरों दिलचस्प निमंत्रण मिलेंगे- साथ ही आपको एक आकस्मिक उपहार भी मिल सकता है। किसी के प्रभाव में आकर आपका जीवनसाथी आपसे झगड़ सकता है, लेकिन प्यार और सद्भाव से मामला सुलझ जाएगा।

कुंभ- (गू गे गो सा सी सू से सो द)
आज आप मुस्कुराएँ, क्योंकि यह सभी समस्याओं का सबसे उम्दा इलाज है। आज बिना किसी की मदद के ही आप धन कमा पाने में सक्षम होंगे। परिवार वालों का हँसी-मज़ाक भरा बर्ताव घर के वातावरण को हल्का-फुल्का और ख़ुशनुमा बना देगा। आज के दिन आप किसी क़ुदरती ख़ूबसूरती से ख़ुद को सराबोर महसूस करेंगे। सहकर्मियों और वरिष्ठों के पूरे सहयोग के चलते दफ़्तर में काम तेज़ रफ़्तार पकड़ लेगा। जो लोग बीते कुछ दिनों से काफी व्यस्त थे उन्हें आज अपने लिए फुर्सत के पल मिल सकते हैं। आपको और आपके जीवनसाथी को कोई बहुत सुखद ख़बर सुनने को मिल सकती है।

मीन- (दी दू थ झ ञ दे दो च ची)
आज आउटडोर के खेल आपको आकर्षित करेंगे- ध्यान और योग आपको फ़ायदा पहुँचाएंगे। ख़ास लोग ऐसी किसी भी योजना में रुपये लगाने के लिए तैयार होंगे, जिसमें संभावना नज़र आए और विशेष हो। नाती-पोतों से आज काफ़ी ख़ुशी मिल सकती है। आपकी अतिरिक्त काम करने की क्षमता उन लोगों को चौंका देगी, जिनका प्रदर्शन आपसे कमतर है। आपके द्वारा आज खाली समय में ऐसे काम किये जाएंगे जिनके बारे में आप अक्सर सोचा करते हैं लेकिन उन कामों को कर पाने में समर्थ नहीं हो पाते। आज आपको अहसास होगा कि आपका वैवाहिक जीवन इससे अधिक रंगों से भरा पहले कभी नहीं रहा है।



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