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शिक्षा अधिकारियों को अब हर महीने चार दिन गांव में रुकना अनिवार्य: निदेशक ने जारी किए सख्त आदेश

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श्रीडूंगरगढ टुडे 5 जुलाई 2025

प्रदेश के शिक्षा अधिकारियों को अब महीने में चार दिन गांव में ही रात गुजारनी होगी। इस दौरान ग्रामीणों से मिलकर अपने क्षेत्र के स्कूलों की समस्याओं पर चर्चा करनी होगी और इन्हें दूर भी करना होगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अप्रैल महीने में ही शिक्षा अधिकारियों को अपने अपने क्षेत्र के स्कूल में महीने में चार दिन रहने के आदेश दिए थे। जिसकी पालना अब तक नहीं होने पर अब माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने रिमाइंडर आदेश जारी किया है। ग्राम पंचायत के सभी स्कूलों के प्रभारी यानी पीईईओ और उससे ऊपर के सभी अधिकारियों को सप्ताह में चार रात गांव में ही रहकर गुजारनी होगी। इस दौरान ग्रामीणों के साथ मीटिंग करके शिक्षा व्यवस्था में सुधार पर चर्चा करनी होगी। इस दौरान भवन, पानी, बिजली, पढाई जैसे मुद्दों पर ग्रामीणों से बात करनी होगी। वैसे भी शिक्षा विभाग में कार्यरत टीचर्स और अधिकारियों को पदस्थापन स्थल के पंद्रह किलोमीटर के भीतर स्थित एरिया में ही रहना होता है। इसी कारण उन्हें उस क्षेत्र का किराया भत्ता आदि मिलता है। हकीकत में गांव में रहने के बजाय टीचर सौ से डेढ़ सौ किलोमीटर तक आना-जाना (अप डाउन) करते हैं। ऐसे में महज चार दिन ही गांव में रुकने के आदेश को लेकर सवाल खड़ा हो रहा है। टीचर्स और अधिकारियों को तो पूरे कार्यकाल में ही अपने मुख्यालय पर रहना होता है।

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