श्रीडूंगरगढ़ टुडे 10 जुलाई 2025
नोखा पंचायत समिति में ग्राम विकास अधिकारी संघ बीकानेर के जिला अध्यक्ष रामनिवास भादू के साथ विकास अधिकारी भोम सिंह इंदा द्वारा की गई मारपीट की घटना ने अब तूल पकड़ लिया है। इस घटना के विरोध में जिलेभर में ग्राम विकास अधिकारी लामबंद हो रहे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को ग्राम विकास अधिकारी संघ श्रीडूंगरगढ़ उपशाखा द्वारा मुख्यमंत्री, पंचायती राज मंत्री और आयुक्त के नाम से पंचायत समिति श्रीडूंगरगढ़ के विकास अधिकारी (बीडीओ) को एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें दोषी विकास अधिकारी को निलंबित करने की मांग की गई है। ज्ञापन में विकास अधिकारियों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो संघ को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा ज्ञापन देने वालो में संघ की इकाई अध्यक्ष सुदर्शन महिया, मंत्री रामसिंह मीणा, जिला प्रतिनिधि मनोज सिसोदिया व ग्राम विकास अधिकारी मोहननाथ सिद्ध, रविन्द्र विश्नोई, हरिप्रसाद मीणा, रमेश मोटसरा, अशोक डांगी, नंदलाल सिंह, दुष्यंत सिंह, महेंद्र सांगवा, मनप्रीत काजला, राकेश मीणा, सुरेश पूनियां रघुवीर सिंह सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।
क्या है पूरा मामला?
8 जुलाई 2025 को नोखा पंचायत समिति के विकास अधिकारी भोम सिंह इंदा ने कथित रूप से ग्राम विकास अधिकारी संघ बीकानेर के जिला अध्यक्ष रामनिवास भादू के साथ अपने चेंबर में दुर्व्यवहार किया, गाली-गलौच कर ब्लैकमेल किया और गंभीर मारपीट की। आरोप है कि जान से मारने की नीयत से उनके गुप्तांगों पर लात मारी गई, जिससे वे बेहोश हो गए। उन्हें तत्काल पीबीएम अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया गया।
जिलेभर में रोष, धरना शुरू
नोखा पंचायत समिति के ग्राम विकास अधिकारियों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है और चेतावनी दी है कि यदि आगामी तीन दिनों में दोषी अधिकारी को निलंबित नहीं किया गया तो 14 जुलाई से बीकानेर जिले के समस्त ग्राम विकास अधिकारी कलमबंद हड़ताल पर चले जाएंगे।
संघ का कहना
संघ का कहना है कि आपराधिक मानसिक प्रवति का व्यक्ति है एंव उस पर पहले से कई एफआईआर दर्ज है और वो हमेशा ऑफिस में, गाड़ी में लाठी भी साथ रखता है। खुलेआम मारपीट कर रहा है, जिससे कर्मचारियों में भय का माहौल है। ऐसी स्थिति में ग्राम पंचायतों में स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से कार्य कर पाना मुश्किल हो गया है। यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो जिला मुख्यालय पर धरना देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। जिसकी समस्त जिम्मेवारी शासन व प्रशासन की होगी। दोषी विकास अधिकारी के विरूद्ध सख्त रुख अपनाया जाये ताकि ग्राम विकास अधिकारियों को मानसिक प्रताड़ना से मुक्ति मिल सके।

