श्रीडूंगरगढ़ टुडे 27 जुलाई 2025
सावन के मौसम में जब हर तरफ हरियाली ही हरियाली होती है यानी कि धरती जब हरी चादर ओढ़ लेती है तब हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है, इस व्रत में सुहागिन स्त्रियां निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन माता पार्वती और शिव जी की पूजा करके स्त्रियाँ पति की लम्बी उम्र और सौभाग्य की प्रार्थना करती है। तीज- पत्नी पार्वती और पति शिव के बीच के बंधन का प्रतीक है। यह त्योहार पार्वती के अपने पति के प्रति अटूट समर्पण का प्रतीक है। जब भारतीय महिलाएं तीज के दौरान उनका आशीर्वाद लेती हैं, तो वे ऐसा एक मजबूत वैवाहिक जीवन और एक अच्छे पति की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करती है। हरियाली तीज भगवान शिव और देवी पार्वती के दिव्य पुनर्मिलन का प्रतीक है, जो भक्ति, प्रेम और वैवाहिक प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इस त्योहार का ध्धार्मिक महत्व भी है। मान्यता है कि माता पार्वती ने कई जन्मों तक कठोर तपस्या कर भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया था। इसलिए यह त्यौहार मनाया जाता है।
हरियाली तीज पर कुछ पंक्तियां-
आज हरियाली तीज का त्योहार है,
चारों तरफ छायी बहार है।
प्रकृति ने मानो श्रृंगार कर रखा,
ऐसा लगता है जैसे कुछ अच्छा चखा है।
महिलाएं रंग-बिरंगे वस्त्र पहने हैं,
पेड़ों पर झूले ही झूले है।
सुबह से सब पूजा में लगे हैं,
सबके मन खुशी के भाव जगे हैं।
पत्ते बिलकुल हरे भरे हैं,
महिलाएं हरी चूड़ियाँ पहने हैं।
सब महिलाएँ-प्रार्थना कर रही है,
अपने पति की लम्बी उम्र की कामना कर रही हैं।
घरों में स्वादिष्ट व्यंजन बने हैं,
महिलाओं के हाथ मेहँदी से सजे हैं।
महिलाएं झूला झूलने बाग-बगीचों में जा रही हैं,
सब मिलकर खुशियाँ मना रही हैं।
कहीं-कहीं प्रतियोगिताओं का आयोजन हो रहा है,
सारा वातावरण खुशनुमा हो रहा है।
हरियाली तीज का त्योहार है,
चारों तरफ छायी बहार है।।
सभी को हरियाली तीज की हार्दिक शुभकामनाएँ…..
