श्रीडूंगरगढ़ टूडे 29 जुलाई 2025
तेरापंथ युवक परिषद द्वारा आयोजित बारह व्रत कार्यशाला का शुभारंभ हर्षोल्लास के साथ हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत कार्यशाला के बैनर अनावरण से हुई, जिसे तेरापंथ युवक परिषद व तेरापंथ किशोर मंडल की उपस्थिति में संपन्न किया गया।
इस कार्यशाला में धर्म, संयम और आत्मिक शुद्धि से जुड़ी बारह व्रतों की विस्तृत जानकारी दी जा रही है। उद्घाटन सत्र में साध्वी श्री कमलविभा जी ने जानकारी दी भगवान महावीर ने श्रावक के लिये बारह व्रतों का विधान किया है। और उसे आगार धर्म कहा है। एक गृहस्थ भी बारह व्रतों के माध्यम से धर्म की आराधना कर सकता है और सुगति (देव गति) का अधिकारी बन सकता है। व्रत दीक्षा का अर्थ है– असंयम से संयम की ओर प्रस्थान। जैन श्रावक की साधना का अनिवार्य अंग है–बारह व्रत। अभातेयुप बारह व्रतों के प्रति श्रावक समाज की आस्था के जागरण एवं बारह व्रतों के समुचित प्रशिक्षण हेतु अपनी शाखा परिषदों के माध्यम से चारित्रात्माओं के सान्निध्य में ‘बारह व्रत कार्यशाला’ का आयोजन करती है।
कार्यशाला के पहले दिन परिषद की टीम ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और पाठ्यक्रम के अंतर्गत संयम, अहिंसा, सत्य व ब्रह्मचर्य जैसे व्रतों की शिक्षा प्राप्त की।
इस कार्यशाला का उद्देश्य समाज में नैतिकता व संयम के संस्कारों को पुनः जागृत करना है। अध्यक्ष विक्रम जी मालू ने बताया कार्यक्रम आगामी दिनों में विभिन्न सत्रों के माध्यम से निरंतर चलता रहेगा। मंत्री पीयूष जी बोथरा एवं प्रभारी सुमित जी बरडिया ने कहा सभी श्रावक श्राविकाएं ज्यादा से ज्यादा संख्या में भाग लेकर आध्यात्मिक लाभ लेवे। यह कक्षा 28- जुलाई से 3 अगस्त तक चलेगी ।


