श्रीडूंगरगढ़ टुडे 20 सितंबर 202
कृषि मंडी श्रीडूंगरगढ़ परिसर के पास पिछले तकरीबन दो माह से आगे के पैर से गंभीर रुप से घायल राज्य पशु ऊंट को आखिरकार सिरोही स्थित पीपल फ़ॉर एनिमल संस्था के आश्रय स्थल में नया जीवन मिला है।
जानकारी के अनुसार की दयनीय स्थिति व कीड़े पड़े होने व भयंकर बदबू दार घाव की स्थिति पर आपणों गांव श्रीडूंगरगढ़ सेवा समिति की मोबाइल उपचार टीम ने कई बार इलाज किया लेकिन आश्रय स्थल ना मिलने व नित्य उपचार ना होने के चलते स्थिति बिगड़ती गयी इस पर समिति ने पशु चिकित्सालय, उपखंड प्रशासन, जिला कलेक्टर, राजुवास वेटनरी बीकानेर एवं राष्ट्र ऊंट अनुसंधान केंद्र व मुख्यमंत्री कार्यालय तक को अगस्त से लगातार संपर्क किया व मेल के जरिये सूचना दी परन्तु कोई समाधान नही मिला। इसी बीच समिति ने सिरोही के पीपल फ़ॉर एनिमल संस्था के संस्थापक चंद्रभान मोटवानी को वीडियो भेजकर स्थिति बताई उन्होंने बिना किसी शर्त तुरंत दाखिले की सहमति दी इसके बाद 20 सितंबर को समिति के अध्यक्ष जतनसिंह राजपुरोहित की अगुवाई में रेस्क्यू कर डॉ. दीनू खान से प्राथमिक उपचार व रोड परमिशन बनाकर श्रीडूंगरगढ़ से भारतमाला होते हुए करीब 12 घंटे की ट्रैवलिंग व 550 किमी की यात्रा कर आज सुबह सिरोही PFA के शेल्टर में शिफ्ट किया गया इस दौरान यात्रा का वाहन खर्च समिति ने ही वहन किया और सिरोही की संस्था ने समिति से कोई शुल्क नही लिया अध्यक्ष जतनसिंह ने समस्त पीपल फ़ॉर एनिमल सिरोही टीम का आभार प्रकट किया व बताया कि आश्रय के साथ साथ वहाँ पहुंचते ही ऊंट के पैर का ऑपरेशन कर कीड़े निकाल कर व मरहम पट्टी की गई। जिससे उसे काफी राहत मिली
प्रवक्ता राज सुथार ने बताया कि श्रीडूंगरगढ़ में रेस्क्यू के समय शूरवीर मोदी जतनसिंह, मनोज डागा, इंद्रसिंह नेमाराम, पुरखाराम, कैलाश, हरि, करण, श्याम सैन, दिनेश प्रजापत सहित अनेक सेवादारो ने कड़ी मशक्कत के बाद वाहन में शिफ्ट कर चालक नरपतसिंह एंव शूरवीर मोदी ऊंट को सुरक्षित सिरोही शिफ्ट करवा कर आए।
समिति ने प्रशासनिक स्तर पर सहयोग न मिलने पर चिंता जाहिर करते हुए रोष जताया और कहा कि राज्य पशु होने के बावजूद ऐसी परिस्थितियां बेहद विडंबनापूर्ण हैं।



