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राम  रूठा अब राज से आस आफत की बरसात से किसानों के अरमानों पर फिरा पानी फसलें हुई चौपट

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श्रीडूंगरगढ़ टुडे 7 अक्टूबर 2025

श्रीडूंगरगढ़ किसान की आजीविका का आधार एक खेती है।खेती का देश की अर्थ व्यवस्था में अहम योगदान है।जब खेती घाटे का सौदा साबित होती है तो किसान की आजीविका के साथ साथ देश की अर्थ व्यवस्था पर भी विपरित प्रभाव पड़ता है।किसान कई मुसीबतों का सामना करता हुआ अन्न उपजाता है।लेकिन लगता है कि किसान ओर मुसीबत का चोली दामन का सा साथ हो गया है।किसान दिन रात हाड़ तोड़ मेहनत कर इसी आस में खेती करता है कि इस बार भगवान उनके सारे अरमान पूरा करेगा ।लेकिन किसान को क्या पता कि मुसीबत उनके साथ साथ ही चल रही है।किसान को कभी सूखे का तो कभी अतिवृष्टि सहित कभी ओलावृष्टि तो कभी बेमौसम बरसात से सामना करना पड़ता है।भूमिपुत्र का मुसीबत यहीं पीछा नहीं छोड़ती है अगर मौसम साथ देता है तो कीट जैसे तेलिया, कातरा,लट आदि के प्रकोप का सामना करना पड़ता है फिर भी किसान दिन रात भगवान के भरोसे लगा रहता है।

श्री डूंगरगढ़ अंचल सहित संभाग के कई जिलों कस्बों,गांवों में दो दिन से हो रही बरसात अब आफत की बरसात साबित हो रही है।कई गांवों में रविवार रात को तथा सोमवार को हुई झमाझम बरसात ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है।किसानों की दिन रात की मेहनत बेमौसम बरसाती पानी में बह गई है।कई गांवों में तो सोमवार को तीन से चार बार हुई बरसात ने फसलों को तहस नहस कर दिया है।खेतों में काटकर सूखने के लिए रखी फसल तबाह हो गई है।किसानों के चेहरे पर छाई मायूसी किसानों के धूमिल हुए अरमानों को बयां कर रही है।सातलेरा गांव के किसान किशनलाल जाखड़ ने रुंधे गले से बताया कि “राम जी रूठ गयो है थाली में घाल के कोस लियो है” जाखड़ ने बताया कि यह “भगवान ने आलो काळ नाख़ दियो है।मतलब साफ सा है कि भगवान ने इस बार अच्छी फसल देने और समय पर अच्छी बरसात के बाद भी जब फसल निकालने का समय आया तो बरसात कर किसानों के हाथों में दिया अन्न वापस छीन लिया है।बिग्गा गांव के किसान बनवारी ज़वरियाँ ने चेहरे पर उदासी लिए बताया कि “राम जी तो रूठ गयो अब राज सू आस बची है”श्री डूंगरगढ़ अंचल में रविवार रात को शुरू हुआ बरसात का दौर सोमवार रात तक भी जारी रहा।सातलेरा गांव के किसान दौलतराम ने बताया कि रविवार रात से लेकर मंगलवार तक बरसात का दौर जारी रहा।मंगलवार को सातलेरा सहित कई गांवों में तेज हवा के साथ हुई बरसात ने तो किसानों की कमर ही तोड़ डाली है।सातलेरा गांव के किसान मालाराम ने बताया कि यहां पिछले तीन दिनों में बीस अंगुल से अधिक बरसात हुई है।लगातार हो रही बरसात से किसानों की उम्मीद पूरी तरह नष्ट हो गई है।सबसे ज्यादा नुकसान मोठ मूंग की फसल को हुआ है।बेमौसम बरसात से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों ने कहा कि आखिर भगवान किसानों की कितनी ओर परीक्षा लेगा ।किसान आसमान की तरफ ताकते हुए ऊपर वाले से अरदास लगा रहे हैं कि “हे प्रभु” अब तो रहम कर ।
किसानों ने सरकार से बेमौसम बरसात से हुए नुकसान का सर्वे करवाने तथा मुआवजे की मांग सरकार से की है। किसानों ने बताया कि अगर राम के साथ राज भी रूठ गया तो किसान कर्ज के बोझ तले दब जाएगा ।किसानों ने बताया कि मोठ मूंग की फसल तो शत प्रतिशत खराब हो गई है।

बेमौसम बरसात से तबाह हुई मूंग की फसल।किसानों के अरमानों पर फिरा पानी।
श्री डूंगरगढ़ अंचल में बेमौसम बरसात का कहर ।सातलेरा गांव की रोही में खराब हुई मोठ की फसल दिखाते किसान।चेहरे पर मायूसी बयां कर रही किसानों की पीड़ा को।जागो राज जागो ।
खेतों में काटकर सुखाने के लिए रखी फसलें हुई नष्ट ।संकट में भूमिपुत्र ।
खेतों में कटाई के इंतजार में खड़ी फसलों को भी हुआ भारी नुकसान ।भूमिपुत्रों पर छाए संकट के बादल।
श्री डूंगरगढ़ के गांव सातलेरा में मंगलवार दोपहर को हुई तेज बरसात ने तोड़ी किसानों की कमर ।

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